कृषि

किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर लहराए जाएंगे काले झंडे

कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों द्वारा दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन को 100 दिन पूरे होने वाले हैं

DTE Staff

6 मार्च 2021 को दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन शुरू होने के 100 दिन पूरे हो जाएंगे। उस दिन दिल्ली व दिल्ली सीमाओं के विभिन्न विरोध स्थलों को जोड़ने वाले केएमपी एक्सप्रेस-वे पर 5 घंटे की नाकाबंदी होगी। यह सुबह 11 से शाम 4 बजे के बीच जाम किया जाएगा। यहां टोल प्लाजा को टोल फीस जमा करने से भी मुक्त किया जाएगा।

2 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघू बॉर्डर पर एक आम बैठक का आयोजन किया। जिसमें आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर नए सिरे से रणनीति बनाने पर विचार विमर्श किया गया। बैठक के बाद मोर्चा की ओर से दर्शन पाल की ओर से जारी बयान में बताया गया कि शेष भारत में आंदोलन को समर्थन के लिए और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए घरों और कार्यालयों पर काले झंडे लहराए जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदर्शनकारियों को उस दिन काली पट्टी बांधने का भी आह्वान किया है।

8 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा महिला किसान दिवस के रूप में मनाया जाएगाकिस। देश भर के सभी सयुंक्त किसान मोर्चे के धरना स्थल पर 8 मार्च को महिलाओ द्वारा संचालित होंगे। इस दिन महिलाएं ही मंच प्रबंधन करेंगी और वक्ता होंगी। एसकेएम ने उस दिन महिला संगठनों और अन्य लोगों को आमंत्रित किया कि वे किसान आंदोलन के समर्थन में इस तरह के कार्यक्रम करें और देश में महिला किसानों के योगदान को उजागर करें।

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर 15 मार्च 2021 को 'निजीकरण विरोधी दिवस' का समर्थन करते हुए सयुंक्त किसान मोर्चा द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। एसकेएम इस दिन को 'कॉरपोरेट विरोधी' दिवस के रूप में देखते हुए ट्रेड यूनियनों के इस आह्वान का समर्थन करेगा, और एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

- जिन राज्यों में अभी चुनाव होने वाले है, उन राज्यों में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा सरकार की किसान-विरोधी, गरीब-विरोधी नीतियों को दंडित करने के लिए जनता से एक अपील की जाएगी। किसान मोर्चा के प्रतिनिधि भी इस उद्देश्य के लिए इन राज्यों का दौरा करेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे।

- संयुक्त किसान मोर्चा पूरे भारत में एक "एमएसपी दिलाओ अभियान" शुरू करेगा। अभियान के तहत, विभिन्न बाजारों में किसानों की फसलों की कीमत की वास्तविकता को दिखाया जाएगा, जो मोदी सरकार व एमएसपी के झूठे दावों और वादों को उजागर करेगा। यह अभियान दक्षिण भारतीय राज्यों कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में शुरू किया जाएगा। पूरे देश में किसानों भी इस अभियान में शामिल किए जाएंगे