कृषि

रबी फसलों का रकबा घटा, दालों का उत्पादन कम रहने की आशंका

Raju Sajwan

रबी सीजन 2023-24 की बुआई लगभग समाप्त हो चुकी है, लेकिन अब तक के आंकड़े बताते हैं कि यह सीजन अच्छा नहीं रहने वाला है। पिछले साल के मुकाबले इस साल लगभग 16 लाख 51 हजार हेक्टेयर में फसलों की बुआई नहीं हो पाई है। दलहन की बुआई सबसे अधिक पिछड़ी है। इसका कारण भी मौसम में बदलाव को माना जा रहा है। 

कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक साल 2023 के दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक कुल 629.65 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की बुआई हुई है, जबकि साल 2022 में दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक 646.16 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी। 

देश में अमूमन दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक रबी फसलों की बुआई है। सामान्य तौर पर लगभग 648.41 लाख हेक्टेयर में होती है। यानी कि जहां चालू सीजन में जहां पिछले सीजन के मुकाबले 16.51 लाख बुआई का रकबा घटा है/ जबकि समान्य क्षेत्रफल की तुलना में चालू सीजन में 18.76 लाख हेक्टेयर में फसलों की बुआई नहीं हो पाई है। 

चालू सीजन में रबी की दलहन फसलों की बुआई अच्छी खासी प्रभावित हुई है। मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि देश में दिसंबर के अंत तक 142.49 लाख हेक्टेयर में दलहन फसलें लगाई गई हैं, जबकि पिछले सीजन में 153.22 लाख हेक्टेयर में लगाई गई थी। यानी कि इस साल लगभग 10.72 लाख हेक्टेयर में दलहन फसलें नहीं लगाई जा सकी। 

दहलन में सबसे अधिक चने की खेती प्रभावित हुई है। रबी सीजन में सबसे अधिक चने की दाल की बुआई होती है। पिछले साल 105.22 लाख हेक्टेयर में चना लगाया गया था, लेकिन इस साल केवल 97.05 लाख हेक्टेयर में लगाया गया है। इसके अलावा मूंग का रकबा भी घटा है। पिछले सीजन में जहां 2.93 लाख हेक्टेयर में मूंग की बुआई की गई थी, इस साल केवल 1.81 लाख हेक्टेयर में भी मूंग बोई गई है। 

रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं है। चालू सीजन में 320.54 लाख हेक्टेयर में गेहूं लगाया गया है, जबकि पिछले सीजन में 324.58 लाख हेक्टेयर में गेहूं लगाया गया है। लगभग चार लाख हेक्टेयर में गेहूं की  बुआई नहीं की जा सकी है। 

रबी सीजन में लगने वाली धान का रकबा भी कम हुआ है। हालांकि रबी सीजन में धान कुछ ही इलाकों में लगाया जाता है, लेकिन रबी सीजन का धान का रकबा लगभग 52 लाख हेक्टेयर है, लेकिन यह रकबा कम होता जा रहा है। दिसंबर 2022 में 16.57 लाख हेक्टेयर में धान लगाई गई थी, लेकिन दिसंबर 2023 के अंतिम सप्ताह तक केवल 14.36 लाख हेक्टेयर में लगाई गई है। 

जिन राज्यों में रबी की बुआई प्रभावित हुई है, उनमें कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़  और गुजरात है। कर्नाटक में चालू रबी सीजन में लगभग बीस प्रतिशत कम बुआई हुई है। यहां ध्यान रहे कि कर्नाटक में मॉनसून पूर्व होने वाली बारिश काफी कम हुई है। मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि कर्नाटक के मैसूर जिले को छोड़कर शेष सभी जिलों में सामान्य से कम या सामान्य से बहुत कम बारिश हुई है। कर्नाटक में चालू सीजन में 20.072 लाख हेक्टेयर में फसलें बोई गई हैं, जबकि दिसंबर 2022 तक 25.359 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की बुआई हुई थी। 

इसी तरह महाराष्ट्र में 46.039 लाख हेक्टेयर में फसलें लगाई गई हैं, जबकि 2022 में यहां 51.917 लाख हेक्टेूयर में बुआई की गई थी। रबी सीजन में राजस्थान में अच्छी खासी फसलें लगाई जाती हैं, लेकिन चालू सीजन में यहां भी रकबा घटा है। चालू सीजन में यहां 90.528 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई है,जबकि पिछले सीजन में यहां 95.028 लाख हेक्टेयर में बूुआई हुई थी। 

रबी सीजन में हुई कम बुआई ने सरकार को चिंता में डाल दिया है। खासकर दलहन का रकबा काफी कम रहने से दालें महंगी होने का खतरा बन गया है। ऐसे समय में, जब 2024 के मध्य में आम चुनाव होने हैं, दलहन का उत्पादन घटने से सरकार की चिंता बढ़ती जा रही है।