फाइल फोटो: अग्निमीर बासु 
कृषि

पीएम-आशा को जारी रखने की मंजूरी, अरहर, उड़द, मसूर की खरीद करेगी सरकार

केंद्रीय बजट 2025-26 में पीएम-आशा को 6,941.36 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जो 2024-25 के संशोधित अनुमान से 7.8 प्रतिशत अधिक है

Shagun

सरकार ने 10 फरवरी, 2025 को प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना को जारी रखने की मंजूरी दी। यह मंजूरी 15वें वित्त आयोग की अवधि समाप्त होने यानी 2025-26 तक जारी रहेगी।

पीएम-आशा एक बड़ा कार्यक्रम है जो मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस), मूल्य कमी भुगतान योजना (पीडीपीएस), बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) को एकीकृत करता है।

इन सभी का उद्देश्य किसानों को उनकी उपज के लिए उचित व लाभकारी मूल्य प्रदान करना है। साथ ही, उपभोक्ताओं को भी सस्ती कीमतों पर वस्तुएं उपलब्ध हों, यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमत में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करना भी है।

इसके जारी रहने से सरकार को उम्मीद है कि उपजों की खरीद प्रक्रिया अधिक प्रभावी ढ़ंग से हो पाएंगी।

हालांकि कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा पीएसएस, पीडीपीएस और एमआईएस का प्रबंधन किया जाता है, जबकि उपभोक्ता मामलों का विभाग पीएसएफ का प्रबंधन करता है।

केंद्रीय बजट 2025-26 में पीएम-आशा के लिए 6,941.36 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जो 2024-25 के संशोधित अनुमानों से 7.8 प्रतिशत अधिक है।

इस बीच दालों की अधिक खरीद को लक्ष्य हासिल करने के लिए केंद्र सरकार ने खरीद वर्ष 2024-25 के लिए उत्पादन के 100 प्रतिशत के बराबर पीएसएस के तहत तुअर (कबूतर मटर), उड़द (काला चना) और मसूर (लाल मसूर) की खरीद की अनुमति दी।

सरकारी बयान में कहा गया है कि "देश में दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए" केंद्रीय नोडल एजेंसियों के माध्यम से यह खरीद अगले चार वर्षों तक जारी रहेगी।

बजट में सरकार ने दलहन मिशन के लिए 500 करोड़ रुपए आवंटित किए, जिसका उद्देश्य दालों में आयात निर्भरता को कम करना है और तुअर, उड़द और मसूर की खरीद के अलावा भंडारण समाधानों पर विशेष ध्यान देना है।

इसके अलावा सरकार ने खरीफ 2024-25 के लिए छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और तेलंगाना राज्यों में पीएसएस के तहत सोयाबीन की खरीद को मंजूरी दी। 9 फरवरी, 2025 तक 1.99 मिलियन टन सोयाबीन की खरीद की गई है।

इसी तरह खरीफ सीजन 2024-25 के लिए आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्यों में पीएसएस के तहत मूंगफली की खरीद को मंजूरी दी गई।