सुधर रही वायु गुणवत्ता, एक ही दिन में 50 फीसदी बढ़ी संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या

आंकड़ों के मुताबिक देश में देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक और ग्वालियर सहित 104 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है
सुधर रही वायु गुणवत्ता, एक ही दिन में 50 फीसदी बढ़ी संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या
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देश की वायु गुणवत्ता में सुधार देखने को मिल रहा है। आंकड़ों के मुताबिक एक ही दिन में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या में 50 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि जहां 19 फरवरी 2024 को जारी आंकड़ों में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या 69 थी जो 20 फरवरी को बढ़कर 104 पर पहुंच गई है। इनमें देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक और ग्वालियर जैसे शहर शामिल हैं। वहीं इसके विपरीत बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों के आंकड़े में गिरावट देखी गई है।

हालांकि इसके बावजूद सिलचर, तुमकुरु, उडुपी, वाराणसी सहित दस शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इस मामले में झांसी अव्वल है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 34 दर्ज किया गया है। वहीं इसके विपरीत छह शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' बनी हुई है। इनमें अररिया (318), भागलपुर (324), बर्नीहाट (333), छपरा (321), नगांव (321) और नलबाड़ी (337) शामिल हैं। इस दौरान 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या में कमी आई है। जहां कल 29 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' थी, वहीं आज यह आंकड़ा घटकर 26 रह गया है। इनमें पटना, राजगीर, सहरसा, समस्तीपुर, सासाराम, शिलांग, सिंगरौली, श्रीगंगानगर आदि शहर शामिल हैं। कुल मिलकर देखें तो बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों में प्रदूषण से स्थिति कहीं ज्यादा खराब है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 20 फरवरी 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 244 में से 10 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 104 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, गौरतलब है कि 19 फरवरी 2024 यह आंकड़ा 69 दर्ज किया गया था। 101 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

पटना-सिंगरौली सहित 23 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा। वहीं अररिया (318), भागलपुर (324), बर्नीहाट (333), छपरा (321), नगांव (321) और नलबाड़ी (337) में स्थिति जानलेवा बनी हुई है। । 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स पांच अंक गिरकर 226 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 215, गाजियाबाद में 170, गुरुग्राम में 183, नोएडा में 212, ग्रेटर नोएडा में 256 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 76 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 116, चेन्नई में 100, चंडीगढ़ में 121, हैदराबाद में 79, जयपुर में 130 और पटना में 249 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 10 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती 49, बागलकोट 42, चामराजनगर 43, झांसी 34, मैहर 39, पालकालाइपेरुर 45, सिलचर 44, तुमकुरु 42, उडुपी 46 और वाराणसी 36 शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अकोला, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, ग्वालियर, हल्दिया, हसन, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालौर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करनाल, कारवार, खुर्जा, कोच्चि, कोलार, कोलकाता, कोप्पल, कोटा, कुरूक्षेत्र, मदिकेरी, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगलौर, मिलुपारा, मुंबई, मैसूर, नागपुर, नाहरलगुन, नारनौल, नासिक, ऊटी, पटियाला, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रूपनगर, सागर, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सूरत, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुपति, उदयपुर, विजयपुरा और विजयवाड़ा आदि 104 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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